सेक्सी सुनीता भाभी को मर्दों के लंड की हवस है। अपनी इस वासना को पूरा करने के लिए उसने देवर को भी अपने सेक्सी जाल में फंसा लिया और सुनीता हॉट भाभी ने देवर का लंड चूसा और चुदवाया।Antarvasna
सुनीता भाभी को अंतर्वासना कहानियां और खासकर Bhabhi Sex Story पढ़ना बहुत ही पसंद था। टेक्सरिंग गंदी कहानियों को पढ़कर अपने को बहलाया करती थी।Antarvasna
क्योंकि सुनीता अपने पति और देवर के साथ दिल्ली में परिवार से दूर रहती थी। सुनीता का पति बहुत ही ज्यादा बिजी रहता था कामकाज के चक्कर में। और उसका छोटा भाई यानी सुनीता का देवर ज्यादातर घर पर ही रहता था क्योंकि वह एक वेल्ला आदमी था। उसके पास कुछ खास काम काज करने को नहीं था तो वह घर में ही पड़ा रहता था।Antarvasna
सुनीता इन कहानियों से बहुत ही ज्यादा प्रभावित थी और मैं अक्सर यह सोचती थी क्यों ना देवर को फसाया जाए ताकि वह उसे शारीरिक संतुष्टि दे सके।Antarvasna
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सुनीता दिखने में बहुत ही ज्यादा हॉट और सेक्सी थी उसके ऊपर से उसके बड़े बड़े स्तन उसे और भी ज्यादा आकर्षित बनाते थे। सुनीता का बल खाता हुआ बदन और लचक मारती हुई कमर देख कर किसी के भी लंड से पानी टपकने लग जाए।Antarvasna
और अपनी इन्हीं कातिलाना अदाओं का फायदा उठाते हुए सुनीता ने अपने देवर जी के ऊपर डोरे डालना चालू कर दिया।
वह रोज रोज नई नई सुंदर सुंदर साड़ियां पहनकर देवर जी को रिझाने की कोशिश करती थी। और हमारे देवर जी भी कुछ कम नहीं थे वह बहुत ही जल्दी सुनीता की तरफ आकर्षित हो गए क्योंकि मर्द तो मर्द ही होते हैं।
देवर को बहुत ही जल्दी है पता लग गया कि भाभी उससे कुछ चाहती हैं जो उसके भैया उन्हें नहीं दे पा रहे हैं। वह यह बात साफ-साफ समझ गया कि भाभी को दबाना चाहती है लेकिन पहल तो उसे ही करनी पड़ेगी।
वो दूसरे दिन बाथरूम में नंगे होकर नहा रहा था। और जानबूझकर वह तलिया नहीं लेकर आया तो फिर उसने भाभी को आवाज लगाई।
भाभी… मेरी तोलिया ला दो, मैं अपनी तोलिया लाना भूल गया!!!
और सुनीता दौड़ती हुई देवर जी के लिए तोलिया लेकर आ गई।।
जैसे ही वह तो लिया लेकर आई तो देवर ने जानबूझकर बाथरूम का दरवाजा खुला छोड़ दिया। और सुनीता ने अपने देवर की बहुत ही बढ़िया मजबूत बॉडी देखी। और साथ में उसका मोटा लंबा लंड जो डंडे की तरह खड़ा हुआ था।
यह देखते सुनीता के अंदर की Kamukta से भड़ी अंतर्वासना जाग गई और भाभी जी को वासना की भूख मचने लगी। वह बहुत जोर जोर से सांसें लेने लगी और देवर को बड़ी ही कामुकता भरी नजरों से देखने लगी।
देवर भी बहुत बड़ा हरामि था क्योंकि वह सब यही कर रहा था और वह सारी बातें समझ गया। वह भाभी के पास गया और उनकी आंखों में आंखें डाल कर देखने लगा।
देवर – क्या हुआ भाभी आप मुझे ऐसे क्यों देख रही हो?!
भाभी – पता नहीं क्यों तुम्हें पर देखने का ही मन कर रहा है तुमको देखकर मेरे अंदर का रोम-रोम खुश हो रहा है!!
देवर – तो क्यों ना भाभी हम आज एक दूसरे की आग को बुझा ले।।
यह कहते ही देवर ने सुनीता भाभी का नरम नरम मोटे मोटे रसीलो होंठों को चूसना चालू कर दिया। वह भाभी के होंठ चूस रहा था भाभी उसके होंठ चूस रही थी। भाभी उसी जबान को चाट रही थी और उसके वासना रसों पी रही थी।
फिर वह देवर को गर्दन पर चूमने लगी चुनते चुनते हुए उसके पेट तक पहुंच गई और फिर उसके लोड़े तक। देवर का मोटा लंबा लंड भाभी ने अपने मुंह में लेकर चूसने चालू कर दिया।
भाभी – ओह!! देवर जी… तुम्हारा लंड कितना बड़ा और मोटा है तुम्हारे भैया का तो पिचकारी के बराबर है लौड़ा!!
देवर – तो यह बात है इसी वजह से आप मेरी तरफ आकर्षित हो रही थी और मुझे अपनी तरफ खींचने की कोशिशें कर रही थी
भाभी अब ज्यादा बातें मत करो जब सब समझ ही गए हो तो।
अब मुझे अपना लौड़ा मेरे मुंह में लेने दो।
भाभी – आ … आ …देवर जी तुम्हारा लौड़ा कितना मोटा और लंबा है मैं पूरा अपने मुंह में नहीं ले पा रही हूं!!
फिर भी थोड़ा-थोड़ा चाटने की कोशिश करती हूं।।
और वो देवर का लौड़ा चूसने लगी मैं उसके ऊपर जबान को ऐसे भीड़ रही थी जैसे आइसक्रीम चूस रही हो।
देवर – हां भाभी… हां भाभी… ऐसे ही करो… बहुत मजा आ रहा है!!
फिर देवर ने भाभी को खड़ा कर दिया और अपने लंड को भाभी की गुलाबी चूत के ऊपर रगड़ने लगा।
भाभी – आ!! आ!! अहह!! अब मुझे इतना मत तड़पाओ… देवर जी… अपना मेरे अंदर डाल दो!!!
देवर ने ना आव देखा ना ताव और उसने अपना खड़ा खड़ा लंड भाभी की चूत में खड़े-खड़े ही घुसा दिया।
भाभी एकदम से चिल्ला पड़ी – आह………. ओह्ह…… हाय… आ!!! आ!! आ!!
देवर का लंड घुसते ही भाभी को दो बार चरम सुख की प्राप्ति हो गई।
देवर – क्या हुआ भाभी? क्या आपको दर्द हो रहा है? आपका मूत बाहर निकल गया है!!!
भाभी – आ …ना रे पगले…. यह तो वासना खुशी निकल रही है!!!
देवर ने अपनी मजबूत लोड़े से भाभी की चूत की चुदाई करना चालू कर दिया। वह भाभी को जबरदस्त तरीके से घचाघच चोद रहा था।
वह जितनी बार चुदाई का झटका भाभी की चूत पर देता था उतनी बार भाभी के बड़े बड़े गोल गोल स्तन ऊपर नीचे होते थे।
इस नजारे को देखकर सच में बहुत ही ज्यादा वासना आनंद मिल रहा होगा देवर को। भाभी के गोरे-गोरे नरम नरम स्तन को देखकर देवर जी का मन और मचल रहा था।
और वह भाभी को किसी घोड़े की तरह घचाघच घचाघच तो दे ही जा रहा था साथ में भाभी के नरम नरम को बड़ों पर चाटे भी मार रहा था।
भाभी – हां… हां… देवर जी.. चोदो अपनी रंडी भाभी को, अपनी भाभी को रंडी बनाकर चोदो!!! मुझे ऐसे चोदो जैसे Antarvasna Story में भाभियों को चोदते हैं!!!
देवर – हां, भाभी तुम मेरी रंडी हो आज से… तुम तुम मेरी रंडी रखैल हो… अब आ… आ… बहुत मजा आ रहा है
फिर उसने भाभी को फर्श पर लिटा दिया और भाभी को चोदने लगा। ऊपर से सागर में से पानी निकल रहा था और नीचे देवजी के लोड़े मैसे!!
मैं भाभी के दोनों हाथों को पकड़कर पूरा झटका लगा लगा कर भाभी को घचाघच चोद रहा था। इस झटके के प्रकोप से भाभी के बड़े बड़े स्तन गुब्बारे की तरह ऊपर नीचे हिलते थे।Antarvasna
वह भाभी को बहुत जबरदस्त चोद रहा था वह भाभी की ऐसी चुदाई कर रहा था जैसी चुदाई हमेशा से भाभी चाहती थी।
भाभी – हां.. हां.. ऐसे ही चोदो अपनी भाभी को अपनी भाभी को चोद चोद के रंडी बना दो!!!Antarvasna
और बस कुछ ही शरण में देवर जी का झड़ने वाला था।Antarvasna
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और देवर ने अपनी सारी गाड़ी गाड़ी मोटी मोटी मराई भाभी की चूत में भर दी…Antarvasna
उसने अपने टट्टे की एक-एक बूंद भाभी की चूत में भर दी जिससे भाभी को और उन दोनों को चरम सुख की प्राप्ति हुई दोनों को मन का वासना आनंद मिल गया।