कुंवारी भाभी को चोदकर मां बनाया- 2

ए सेक्स स्टोरी ऑफ़ लस्ट में आप पढ़ेंगे सेक्स से वंचित एक नवविवाहिता भाभी की कहानी. अपने नाकाबिल पति से दुखी भाभी ने मुझे सेक्स के लिए अपने घर बुलाया.

दोस्तो, आप सभी अच्छे होंगे.
मैं सागर फिर से अपनी गरम सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.
ए सेक्स स्टोरी ऑफ़ लस्ट के पिछले भाग

में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं और भाभी दोनों कोई साथ में एक दूसरे की बांहों में सो गए थे.

अब आगे ए सेक्स स्टोरी ऑफ़ लस्ट:

जब मैं सोकर उठा, तो भाभी उठ चुकी थीं.
मैंने बगल में हाथ से प्रिया भाभी को टटोला, तो वो उधर नहीं थीं.

मैंने समझ लिया कि भाभी उठ कर कहीं चली गईं.

मैंने आवाज दी, तो भाभी की आवाज आई कि मैं किचन में हूँ. चाय बना रही हूँ.

मैं नीचे गया तो भाभी किचन में चाय बना रही थीं.
मैंने जाकर उनको पीछे से पकड़ लिया और उनके चूचों को दबाने लगा.

भाभी ने हंस कर कहा क्या हुआ मेरी जान … मेरी कमी सहन नहीं हुई क्या?
मैंने उनके दूध दबाते हुए कहा- आज तो सारे दिन तुम्हें छोड़ने का जी ही नहीं कर रहा है मेरी जान.

भाभी ने कुछ नहीं कहा, बस वो हंस कर मेरे हाथों से अपने मम्मों को मसलवाने का मजा लेती रहीं.

वो इसी के साथ चाय बनाने में लगी रहीं. फिर हम दोनों ने साथ में चाय पी और बात करने लगे.

मैंने उनसे कहा- वो सरप्राइज क्या है जान?
भाभी बोलीं- वो तो रात को ही मिलेगा और अभी रात होने में काफी देर है.

मैंने कहा- तो चलो कहीं घूम कर आते हैं.
भाभी राजी हो गईं और मेरे साथ बाजार जाने के लिए तैयार होने लगीं.

कुछ देर बाद भाभी बोलीं- चलो घूमने चलते हैं.
हम दोनों कार से घूमने निकल गए.

भाभी मुझे एक मॉल में ले आईं और मेरे लिए एक दूल्हे की ड्रेस देखे लगीं.
मैंने कहा- ये क्यों ले रही हो?

तो भाभी ने मुझे चुप रहने का इशारा कर दिया और ड्रेस पैक करवा कर बाहर घूमने के लिए निकल आए.
रात होने तक हम दोनों इधर उधर घूमते रहे.

कुछ देर बाद भूख लग आई थी तो भाभी बोलीं- चलो कुछ खाना भी खा लेते हैं. घर पर कौन बनाएगा.
मैंने सहमति दे दी और हम दोनों उधर एक अच्छे से होटल में खाना खाने आ गए.

कुछ देर बाद घर वापस आ गए.

अब रात के नौ बज चुके थे.

भाभी ने ड्रेस का पैकेट देते हुए कहा कि आप मुझे एक घंटे का समय दीजिए, मैं तैयार होकर अभी आती हूँ. जब तक आप भी इसे पहन कर तैयार हो जाइए.
मैंने ओके बोला.

एक घंटे के बाद भाभी दुल्हन के लिबास में आईं तो मैं उनको देखता ही रह गया.
वो क्या क़यामत लग रही थीं … मैं शब्दों में बता ही नहीं सकता.

उनका हुस्न एक मादक कुंवारी लड़की के जैसे ऐसा लग रहा था, जैसे भगवान ने बहुत ही फुर्सत से बनाया हो.

अब तक मैं भी तैयार हो गया था, तो भाभी बोलीं कि आप बहुत स्मार्ट लग रहे हो.
मैंने बोला- मेरी छोड़िए भाभी, आप बहुत सेक्सी और हॉट मस्त माल लग रही हैं.

वो शर्मा गईं.

मैंने पूछा- भाभी वो सरप्राइज क्या है?
भाभी बोलीं- सागर, आप आज मेरे पति बन जाएं और मेऱे साथ सुहागरात मनाएं.

मैंने उन्हें आंखों से चोदते हुए कहा- हां भाभी, ठीक है … लेकिन क्या आप सिर्फ आज रात के लिए ही मुझे अपने साथ चाहेंगी या हमेशा के लिए?
उन्होंने हंस कर कहा- सागर ये तो आपके ऊपर निर्भर करता है कि सिर्फ आज ही आप मेरे साथ सुहागरात मनाएंगे या हमेशा के लिए ही मुझे अपनी बीवी बना लेंगे.

मैंने कहा- मैं तो आपका हो गया हूँ भाभी.
भाभी बोलीं- सागर, क्या आप मुझसे शादी करेंगे?

मैं कुछ सोच कर बोला- ओके मेरी जान … मैं आपसे अभी शादी करने को तैयार हूँ.
भाभी खुश हो गईं और बोलीं- तो चलो मेरे साथ मन्दिर में आ जाओ.

फिर पूजा घर में जाकर हम दोनों ने शादी कर ली और मैंने अपनी पत्नी प्रिया को कस कर अपनी बांहों में भर लिया.

मैंने भाभी को होंठों पर किस किया और दस मिनट तक उन्हें चूमता रहा.

भाभी बोलीं- चलिए मेरे पतिदेव, अब हम दोनों पति पत्नी सुहागरात मनाते हैं.
मैंने बोला- हां मेरी जान, अब मुझसे भी नहीं रहा जाता है.

फिर हम दोनों बेडरूम में आ गए और एक दूसरे से गले लग गए.
बेड पर आकर कुछ देर तक हम दोनों ने प्यार भरी बातें की.

मैंने कहा- मेरी बीवी को सुहागरात में अपने पति से क्या चाहिए?
भाभी कुछ शरारती अंदाज में बोलीं- आज मुझे मेरे पति का लंड अपनी चूत में चाहिए.

मैं बोला- वो तो आज आपकी चुत को फाड़ कर ही रख देगा मेरी जान!
वो हंस कर बोलीं- हां सागर फाड़ देना. मगर मुझे आपके लंड का वीर्य भी मुझे अपनी चूत में चाहिए. आप मुझे अपने बच्चे का मां बना दो.

मैं बोला- ठीक है मेरी जान.
भाभी मुझे किस करने लगीं तो मैं भी उसका जबाब किस से देने लगा.
मैं अपने एक हाथ से उनकी चूची को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा.

कुछ मिनट तक किस करने के बाद हम दोनों अलग हुए.
भाभी बोलीं- मेरे पति सागर … अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा है, प्लीज अपना लंड अपनी पत्नी प्रिया की चूत में डाल दीजिए. आप मेरी चूत को खूब चोद कर इसका भोसड़ा बना दीजिए.

मैंने बोला- प्रिया मेरा यह पहली बार है, अगर कुछ गलती हो जाए तो मुझे माफ कर देना.
भाभी बोलीं- आप मेरे पति हैं, बस आप अपना लंड डाल कर मेरी चूत को खूब चोदिए.

मैं बोला- आ जाओ मेरी जान.
फिर मैंने भाभी की साड़ी को खोल कर अलग कर दिया, उनके ब्लाउज को निकाल दिया.

मैंने देखा कि वो गुलाबी रंग की ब्रा पहनी हुई थीं.
मैं भाभी की चूचियों को कुछ देर तक एकटक देखता रहा.

भाभी नशीली आवाज में बोलीं- ऐसे क्या देख रहे हो जान … ये प्रिया अब ऊपर से नीचे तक तुम्हारी ही है.
मैंने कहा- हां प्रिया, मैं अपनी पत्नी की चूचियों की मस्त उठान को देख रहा था. कितनी रसीली चूचियां हैं जान.

यह सुनकर भाभी शर्मा गईं.
मैं उनकी चूचियों को मींजने लगा.
वो सीत्कार भरती हुई बोलीं- आंह सागर धीरे धीरे करो.

लेकिन मेरे अन्दर तो चूचियां दबाने की आग लगी हुई थी, मैंने भाभी की ब्रा को खोल कर अलग कर दिया.

आह क्या गजब की चूचियां थीं भाभी की!
मैंने दोनों मम्मों को भरपूर नजरों से देखा, फिर एक चूची को अपने मुँह में लेकर पीने लगा.
एक हाथ से दूसरे चूचे को दबाने लगा.

वो सिर्फ ‘सी … सीई …’ की मादक आवाज़ निकालने लगीं.

भाभी अपनी चूची मेरे मुँह से चुसवाती हुई बोलीं- आंह सागर … इसका पूरा दूध पी जाओ … आह मसल दो इन्हें … ये मुझे बहुत परेशान करती हैं आह आज खूब पियो इनको … मुझे बहुत मज़ा आ रहा है.

उसी बीच मैंने अपने एक हाथ से भाभी के पेटीकोट के नाड़ा ढीला कर दिया और उसको खोल कर अलग कर दिया.

मेरे सामने भाभी गुलाबी रंग की पैंटी पहनी हुई थीं. उनकी संगमरमर सी दूधिया जांघें मुझे मदहोश कर रही थीं.

मैंने कहा- प्रिया सच में तुम माल लग रही हो.
भाभी मादक आवाज में बोलीं- अब ये माल जैसी प्रिया सिर्फ तुम्हारी है जान, जैसे चाहो वैसे अपनी पत्नी के शरीर को लूट लो.

फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और मैंने उनकी पैंटी को उतार कर फैंक दिया.
मैंने नंगी बुर को हाथ से छूकर देखा, तो बुर एकदम चिकनी हुई पड़ी था. भाभी की चुत पर झांट का एक भी बाल नहीं था. एकदम मक्खन की तरह चिकनी और मुलायम बुर देख कर मेरी आंखें वासना से भर उठीं.

मैंने कहा- प्रिया, तुम्हारी बुर तो एकदम चिकनी और रसीली है.
भाभी वासना से बोलीं- हां मैंने आपसे चुदाई करवाने के लिए बालों को साफ किया है ताकि आपके लंड को कोई दिक्कत नहीं हो.

मैंने चुत की फांकों में उंगली फेरने लगा.

भाभी बोलीं- आपने तो मुझे नंगी कर दिया है जान और आप खुद कपड़ा पहने हुए हो.
मैं बोला- रोका किसने है जान … तुम खुद ही अपने हाथ से मेरे कपड़े निकाल दो.

ये सुनकर भाभी ने मेरी शर्ट और पैंट दोनों को निकाल कर अलग कर दिया.
फिर मेरी चड्डी भी निकाल दी.

वो मेरा बड़ा और खड़ा लंड देख कर बोलीं- आह जान … आपका लंड कितना बड़ा और मोटा है.
मैंने पूछा- पसंद आया?

भाभी लंड सहलाती हुई बोलीं- हां बहुत पसंद आया.
उन्होंने लंड को चुम्मी कर ली.

फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और एक दूसरे को कस कर पकड़ कर अपनी वासना को भड़काने लगे.

बीस मिनट के बाद हम दोनों अलग हुए.

मैंने भाभी से लंड चूसने को कहा तो वो बोलीं- हां मुझे उसका स्वाद लेना है.
वो मेरा लंड चूसने लगीं और मुझे बहुत मज़ा आने लगा.
भाभी लंड को ऐसे चूस रही थीं जैसे न जाने कितने दिनों की प्यासी हैं.

उन्होंने बहुत देर तक लंड चूसा.

मैं एकदम से अकड़ गया था और उनके मुँह में मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया.
भाभी लंड का पूरा पानी पी गईं और चूस चूस कर लंड को साफ़ कर दिया.

फिर भाभी बोलीं- सागर, मुझे तुम्हारे लंड का पानी पीकर बहुत मज़ा आया. इतना मज़ा पहले कभी भी नहीं आया था.
मैंने उनके गालों को सहलाते हुए कहा- प्रिया मुझे भी आपकी बुर का पानी पीना है.

वो बोलीं- हां मेरे सागर आ जाओ न … मना किसने किया है आपको. आ जाओ और मेरी चूत का पानी पी लो और मुझे भी चूत चुसाई का आनन्द दे दो.
मैं भाभी की बुर को चाटने लगा और चुसाई करने लगा.

वो मचलने लगीं और कहने लगीं- आह सागर … आह आज पहली बार मेरी चुत को किसी ने चूसा है … आह और चूसो जान मेरी चूत को खा जाओ आह मेरी चूत को बहुत मज़ा आ रहा है … आह खूब चूसो.

मैंने बहुत देर तक भाभी की बुर को चूसा और अन्तत: उन्होंने अपनी बुर का पानी मेरे मुँह में निकाल दिया.
मैं भी किसी कुत्ते की तरह अपनी जीभ से भाभी की के बुर का पूरा पानी चाट गया.

सच में भाभी की चुत चाटकर मुझे बहुत अच्छा लगा और खूब मज़ा आया.

अब हम दोनों पति पत्नी जैसे एक दूसरे को बांहों में बांहें डाल कर आराम करने लगे.

कुछ मिनट बाद हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.
अब हम दोनों फिर से 69 की पोजीशन में आ गए और एक दूसरे के बुर और लंड की चुसाई करने लगे.

भाभी मेरे लंड को चूस रही थीं और मैं उनकी बुर की चुसाई कर रहा था.

ऐसा लग रहा था कि हम दोनों सिर्फ एक दूसरे के लिए बने हैं और एक दूसरे को खा जाएंगे. कुछ ही पलों में हम दोनों के लंड चुत चुदाई के लिए एकदम गरमा गए थे.

दोस्तो, कहानी थोड़ा लम्बी है इसलिए कहानी को अगले भाग में लिखूंगा, मैं आशा करता हूँ कि ए सेक्स स्टोरी ऑफ़ लस्ट आप सबको पसंद आएगी. प्लीज़ आप अपना प्यार ईमेल से जरूर भेजें.
maleescort7667@gmail.com

ए सेक्स स्टोरी ऑफ़ लस्ट का अगला भाग: a-sex-story-of-lust

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