जवानी की शुरुआत में स्कूलगर्ल की अन्तर्वासना-3

(Jawani Ki Shuruat Me Schoolgirl Ki Antarvasna- Part 3)

सचिन आश्चर्य से मुंह खोल के मुझे देखता ही रहा कुछ पल तो फिर बोला- वाह सुहानी … मुझे तो पता ही नहीं था मेरी बेस्ट फ्रेंड इतनी हॉट और खूबसूरत है। मैंने उसको एक बड़ी सी स्माइल देते हुए कहा- वो तो मैं हूँ ही! और उसके पास जा के बैठ गयी बेड पे। Jawani schoolgirl 3 Hindi Sex Story.

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हम दोनों कुछ देर तक तो एक दूसरे की आँखों में देखते रहे और पता नहीं क्या सोचते रहे।

जवानी की शुरुआत में स्कूलगर्ल की अन्तर्वासना-2

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वो मेरा बचपन का दोस्त था और मैं उससे बिल्कुल भी नहीं शर्माती थी. पर आज हल्की हल्की शर्म आ जा रही थी और हम दोनों ही नजरें नीची कर के मुस्कुरा रहे थे शर्माते हुए।
मैंने कहा- कुछ कहोगे भी या ऐसे ही मुंह बाय देखते रहोगे?
सचिन बोला- यार यकीन नहीं आ रहा कि तुम सच में मेरे सामने बैठी हो या मैं कोई सपना देख रहा हूँ।
मैंने उसके गाल पे हल्की सी थपकी मारते हुए कहा- सपना नहीं है बुद्धु, यहीं बैठी हूँ मैं! और कोई अजनबी नहीं हूँ, तुम्हारे बचपन की दोस्त ही हूँ।

सचिन मुस्कुराते हुए नीचे देखने लगा और फिर मैं भी मुस्कुरा के नीचे देखने लगी। हम दोनों पागलो की तरह मुस्कुरा रहे थे और खुश हो रहे थे।
हमें ऐसे ही बैठे बैठे 12:15 बज गए।

सचिन ने कहा- मैं पर्दे कर देता हूँ कमरे के!
और उसने खिड़की के पर्दे गिरा दिये। Jawani schoolgirl 3 Hindi Sex Stories.

फिर वो मेरे पास आ के बैठ गया और कहने लगा- तो कैसे शुरू करना है?
मैंने कहा- मुझे क्या पता? मैं तो तैयार हो के आ गयी हूँ, अब तुम बताओ, तुमने तो बहुत फिल्में देखी हैं सेक्सी वाली, तुम्हें पता होगा।
उसने कहा- सिर्फ मैंने ही नहीं, तुमने भी तो देख ली है अब तो। कैसी लगी?
मैंने कहा- बहुत अच्छी लगी, बस यही इंतज़ार कर रही थी कि कब करने को मिलेगा ये सब असलियत में!

बात करते करते सचिन मेरी ड्रेस में झाँकने की भी कोशिश कर रहा था मेरे क्लीवेज को देखते हुए।
उसने बोला- अब ना तुमने किया है ना मैंने … तो जैसे फिल्मों में करते हैं वैसे ही शुरू करते हैं।
मैंने कहा- ठीक है।

सचिन मेरे और करीब आ के बैठ गया और मेरे पूरे जिस्म को देखने लगा। हम दोनों बेड के किनारे पैर लटका के एक दूसरे की तरफ मुंह कर के बैठे थे।
फिर वो बोला- ब्लू फिल्म में सबसे पहले किस यानि चुंबन से शुरुआत करते हैं तो पहले किस ही करते हैं हम भी।
मैंने कहा- ठीक है।

हम दोनों में से किसी ने भी आज से पहले किस नहीं किया था तो जैसे ही अपने होंठ करीब लाने लगे, नाक से नाक टकरा गयी और हम दोनों खिलखिला के हंसने लगे।
फिर मैंने ही कहा- ऐसे नहीं, थोड़ा सिर टेढ़ा कर के होगा!

और हम दोनों अपने सिर को टेढ़ा कर के होंठ करीब लाते गए और बहुत हल्के से एक दूसरे के होंठों को होंठों से छुआ और पीछे हट गए।
वो भी खुश हो गया और मैं भी!
मैंने कहा- फिर से … फिर से!

सचिन ने मेरी बाजुओं पे से अपने दोनों हाथ फेरते हुए ऊपर ले गया और मेरे कंधों पे से हाथ फिराते हुए मेरे खुले बालों के नीचे से कान के पास से चेहरा पकड़ लिया और हम फिर से किस करने के लिए तैयार हो गए।
इस बार फिर धीरे धीरे होंठ पास लाये और पीछे नहीं हटे और हल्के हल्के होंठों को होंठों से दबा के हटा के फिर से दबा के हटा के किस करने लगे। Jawani schoolgirl 3 sex story.

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मुझे पहली बार किसी को किस करने में इतना मजा आ रहा था। मेरे पूरे बदन में सिरहन सी दौड़ गयी।

फिर हम होंठों पे दबाव बढ़ाते गए और हम दोनों की ही आँखें बंद हो गयी। फिर हम बस अपने होंठ एक दूसरे के होंठों पे हल्के हल्के दायें बाएँ रगड़ने लगे। मेरी लिपस्टिक के कारण थोड़ी चिकनाहट थी होंठों के बीच में और हम होंठ दायें बाएँ रगड़ रगड़ के किस कर रहे थे।

लगभग ऐसे ही एक मिनट तक किस करने के बाद हम पीछे हटे। मैंने एकदम से उत्सुकतावश मुस्कुराते हुए कहा- वाह यार, बहुत मजा आया।
सचिन ने कहा- फिर से करते हैं और धीरे धीरे फिल्मों की तरह होंठ और जीभ तक बढ़ते हैं।
मैंने कहा- ठीक है।

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मैंने उसकी गर्दन में अपनी बांहें डाली और उसने अपने दोनों हाथों से मेरी अनढकी कमर पकड़ ली और फिर हमारे होंठ दुबारा मिल गए।
अब ऐसे वक़्त पे इंसान का जिस्म खुद ही उसे बताने लगता है कि आगे क्या करना है. सब कुछ सीखने या जानने की जरूरत नहीं होती।

अब हम दोनों पे जवानी का सुरूर चढ़ने लगा था और हमारी किस गहरी होती चली गयी। अब मुंह बंद नहीं था और हम एक दूसरे के होंठों को होंठों से चुपड़ चुपड़ कर किस कर रहे थे। यहाँ तक की हमारी जीभ भी एक दूसरे के मुंह में जा जा के वापस आ रही थी।
कभी वो अपने होंठों से मेरी जीभ चूस रहा था और कभी मैं उसकी जीभ को चूस रही थी।

कमरे में हल्की हल्की प्च्च्ह … पुच्छह … चप्प … चप्प … की आवाजें आ रही थी और हम दोनों को ही आँखें बंद थी।

अब सचिन ने मेरी कमर छोड़ दी पर मैं अब भी उसकी गर्दन में बाहें डालें बड़ी गहनता से उसे किस किए जा रही थी। सचिन के हाथ फिसल कर मेरी कोमल जांघों तक पहुँच गए थे और वो मेरी गोरी जांघों को हाथों से ऊपर नीचे करके हल्के हल्के सहला रहा था। मुझे पूरे बदन में मीठी मीठी सी गुदगुदी सी होने लगी थी पर मैंने किस करना नहीं छोड़ा और बस उम्महह … उमह्ह … की आवाजें करते हुए मुंह खोल खोल के किस कर रही थी।

इस बार हमारी किस ही लगभग ढाई-तीन मिनट चली फिर मैंने भी उसको छोड़ दिया।
उसने कहा- मजा आया ना? Jawani schoolgirl 3 sex stories.
मैंने कहा- हाँ बहुत आया सचिन, इतना तो कभी नहीं आया कसम से।
उसने कहा- सोचो अभी इतना आ रहा है तो आगे कितना आएगा, चलो अगला स्टेप करते हैं।
मैंने कहा- ठीक है।

मैं खड़ी हो गयी और उसकी टीशर्ट हाथ ऊपर करवा के उतार दी।

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उसने भी मेरी ड्रेस की डोरी कंधे से सरका दी और नीचे को उतारने लगा और हर पल के साथ मेरा अनछुआ जिस्म मेरे दोस्त के सामने नंगा होता चला गया.
और आखिरकार मैं अब उसके सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में खड़ी थी।

सचिन ने देखते ही कहा- वाह, क्या मस्त गुलाबी रंग है तुम्हारे अंदरूनी कपड़ों का। मुझे नहीं पता था कि तुम अंदर ऐसे सेक्सी कपड़े पहनती हो।
मैंने कहा- पागल खासतौर पर आज के लिए खरीदे हैं परसों ही। चलो अपना बनियान उतारो अब!

सचिन ने बिना देर किए अपना बनियान और लोअर उतार दिए और सिर्फ कच्छा छोड़ दिया। उसका लंड कच्छे में तन चुका था और मैं उसे देखने को बेताब हो रही थी। उधर सचिन मेरी पैंटी के अंदर छुपी चूत देखने को बेताब हो रहा था।

उसने बैचन होते हुए कहा- सुहानी जल्दी उतारो ना, एक बार दिखा दो प्लीज यार।
उसके इतना कहते हुए मैंने अपनी ब्रा का हुक खोला पीछे से और आगे को उतार के उसके मुंह पे फेंक दी और हंसने लगी। Jawani schoolgirl 3 antarvasna story.

मेरे बड़े बड़े बूब्स आज़ाद होते ही फूल के उसके सामने आ गए। सचिन मेरी चूत को भूल के उन्हें देखने लगा बड़े गौर से आँखें फाड़ फाड़ के।
उसने मुझसे उन्हें छूने की इजाजत मांगी।
मैंने कहा- जो चाहे कर लो आज, मैं अपना पूरा जिस्म, उसका एक एक अंग तुम्हारे हवाले कर रही हूँ.
और उसका हाथ पकड़ के अपने दायें बूब पे रख दिया।

सचिन को शायद एक करेंट सा लगा पूरे जिस्म में मुझे वहाँ छू के।
फिर उसने अपनी हथेली खोल के पहले तो पूरा गोल गोल हाथ फिराया मेरे दायें वक्ष यानि बूब पे और फिर भोंपू की तरह दबाने लगा. और फिर मेरे दोनों बूब पकड़ कर मुट्ठी में भर भर के दबाने लगा और निप्पल को भी प्यार से मसलने लगा।

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मैं बस आँखें बंद करे हुए कामोत्तेजना से बस ‘स्स … सस … स्स … स्स …’ करने लगी और अपने निचले होंठ को दाँतों से दबा के काटने लगी।

पहली बार किसी को मैंने इजाजत दी थी अपने बूब्स को हाथ लगाने की मेरे अलावा … मुझे बहुत आनंद आ रहा था।

फिर 2-3 मिनट के बाद उसने मेरे बूब्स को अच्छे से मसल के छोड़ा तो मेरी आँखें खुली।

उसका लंड कच्छे में पूरा तन चुका था जैसे इस वक़्त आप सब मर्द पाठकों का तन चुका होगा। मेरे कहने से आप अपने लंड को एक बार प्यार से सहलाइए और आगे पढ़ते रहिए।

मैंने कहा- अब तो अपना कच्छा उतार दो, दिखाओ तो तुम्हारा वो?
सचिन ने शैतानी मुस्कुराहट से कहा- वो क्या? मेरे सामने नंगी में होने शर्म नहीं आई और उसका नाम लेने में शरमा रही हो, खुल के बोलो जानेमन।
मैं हंसी और बोली- अरे सचिन, अपना कच्छा उतार के अपना लंड दिखा दो ना प्लीज।
सचिन ने कहा- ये लो जानेमन!

और अपना कच्छा एक झटके में उतार के साइड में रख दिया।
उसका लंड मेरे नंगे जिस्म को सलामी देता हुआ ऊपर नीचे झूल रहा था।

सचिन ने कहा- अब ब्लू फिल्म का अगला स्टेप करने की बारी आपकी है सुहानी जी।
मैंने याद किया कि हाँ अब मुझे इस लंड को मुंह में लेके चूसना है।

शुरू में तो मुझे घिन सी आई पर फिर सोचा अब फिल्मों में होता है और सच में भी करना पड़ता होगा।
इसलिए मैंने अपने घुटने उसके फर्श पे पड़े कच्छे पे रखे और उसके लंड के सामने बैठ गयी।

मैंने पहले उसको अपने हाथ से नापा तो मेरी हथेली के बराबर था और फिर मुट्ठी में भर के ऊपर से नीचे तक सहलाया।
उसके लंड में हलचल होने लगी। Jawani schoolgirl 3 antarvasna stories.

मैंने कहा- चूसूं फिर?
उसने कहा- हाँ यार प्लीज!

कहानी जारी रहेगी.
आपकी सुहानी चौधरी

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