कुंवारी लड़की की चुदाई सगे छोटे भाई के लंड से

दोस्तो, मेरा नाम आफरीन अंसारी है, मेरी उम्र 20 साल है, रंग गोरा है. मैं आज आपको अपनी लाइफ की रियल सेक्स स्टोरी कुंवारी लड़की की चुदाई की बताने जा रही हूँ. मेरा एक छोटा भाई है जुनैद, जिसकी उम्र 18 साल से कुछ माह ज्यादा है. जिस समय की ये घटना है, उस समय मैं बीएससी के दूसरे साल में थी और मेरा भाई बारहवीं में था. हम दोनों घर पर एक ही कमरे में रह कर साथ साथ पढ़ते थे. कमरे में बेड बड़ा था, इसलिए उसी पर एक साथ सो जाते थे. Chhote bhai aur chudai ki hindi kahani.

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एक दिन हम दोनों भाई बहन उसी बेड पर सो रहे थे कि तभी अचानक मेरी आंख खुली और मैंने देखा कि मेरा भाई अपने लंड की खाल को ऊपर नीचे कर रहा था.

मैं अधखुली आंखों से चुपचाप उसे देखती रही. मैंने देखा कि मेरे भाई का मोटा लंड करीब 6 इंच का था, वो बड़ी मस्ती से अपने लंड को हिलाए जा रहा था. कुछ देर बाद मेरे भाई के लंड से पानी निकला और वह कुछ देर बाद सो गया.

जब मैंने देखा कि मेरे भाई का लंड काफी मोटा और लम्बा है, तो उसके लंड को देखकर मेरी नींद उड़ गयी. मैं भी अपनी चुत में उंगली कर लेती थी. मगर मुझे किसी के लंड से चुदने में बड़ा डर लगता था कि कैसे किसी से चुदने की बात कहूंगी.

अपने सगे भाई का मोटा लंड देख कर आज फिर से मेरी वासना जाग गई थी और मैंने सोच लिया था कि कुंवारी लड़की की चुदाई अपने भाई से होकर रहेगी.
मैंने सोचा कि कैसे भी करके अपने भाई से चुदाई करवाऊँगी.

दूसरे दिन जब रात हुई, तो मैंने अपनी पैंटी और ब्रा उतार कर मैक्सी पहन ली और मैं सोने का नाटक करने लगी. मेरा भाई अभी जाग रहा था.

मैंने सोने का ड्रामा करते हुए अपनी मैक्सी धीरे धीरे ऊपर को कर ली और मेरी बुर साफ नजर आने लगी.

जब मेरा भाई मेरी ओर घूमा, तो उसने मेरी सफाचट बुर देख ली. मेरी मस्त जवानी और चिकनी चुत देख कर उससे रहा नहीं गया. वो मेरी चुत को ध्यान से देखने लगा. फिर उसने मेरी आंखों की तरफ देखा. Chhote bhai aur chudai ki hindi kahani.

मैं आंखें मूंदे सोने का ड्रामा कर रही थी. मगर मेरी नजरें छिप कर उसकी हरकतों को देख रही थीं.

मेरा भाई धीरे धीरे मेरे पास आकर लेट गया. उसकी तेज तेज चलती सांसें मुझे साफ़ सुनाई दे रही थीं. मैंने बिंदास सोते हुए अपनी करवट ली, तो मेरी गांड उसकी तरफ हो गई और मेरी नाइटी, मेरी चुत और गांड दिखाते हुए काफी ऊपर को उठ गई. आप यूं समझो कि मेरी नाइटी मेरी कमर तक आ गई थी.

मैं अब सोच रही थी कि मेरी खुली हुई गांड और चुत देख कर उसका लंड झनझना गया होगा.

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उसने कुछ देर तक शायद अपना लंड हिलाया, जिससे मुझे उसे बिस्तर पर हिलने का अहसास हुआ. फिर मेरे छोटे भाई ने अपना हाथ मेरी गांड पर रख दिया. मुझे एकदम से झुरझुरी सी हुई मगर मैं दम साधे चुपचाप पड़ी रही, मैंने कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं की.

फिर जुनैद धीरे धीरे मेरे चूतड़ सहलाने लगा, मुझे मजा आ रहा था. उसके हाथों की गर्माहट मेरी चुत की जमी हुई मलाई को पिघला रही थी. Chhote bhai aur chudai ki hindi kahani.

फिर उसने हाथ कुछ अन्दर किया और अब जुनैद मेरी पिघलती बुर को ऊपर से सहलाने लगा. मुझे बेहद सनसनी हो रही थी. उसकी हरकतें भी परवान चढ़ने लगी थीं. मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे वो अपने एक हाथ से मेरी चुत को सहला रहा है और दूसरे हाथ से अपना लंड हिला रहा है. अब मैंने खेल शुरू करने का मन बना लिया था.

उसकी एक उंगली ने मेरी फांकों के बीचे घुसने का प्रयास किया. तो मैं समझ गई कि इसकी उंगली मेरी गीली चुत महसूस करके मुझे जगा हुआ समझ जाएगी और खेल खराब हो जाएगा.

मैंने एकदम से उठते हुए उससे कहा- जुनैद … ये क्या कर रहे हो? मैं तुम्हारी बड़ी बहन हूँ.

वो मेरे इस तरह से अचानक उठने से एकदम से डर गया. मैंने सही अंदाजा लगाया था. उसका लंड एकदम तना हुआ उसे हाथ में दबा था. जुनैद ने मेरी आंखों का पीछा किया, तो वो अपने लंड को ढांपने लगा. Chhote bhai aur chudai ki hindi kahani.

मैंने उससे गुस्से में कह रही थी तो वो सहम गया था. कि कहीं मैं अब्बू से इस बात की शिकायत न कर दूँ.
वो सर झुका कर बैठ गया.

फिर मैंने पूछा- कल क्या कर रहे थे तुम?
वो कुछ न बोला, वो डरा हुआ था.

मैंने कहा- डर क्यों रहे हो? बताओ … मैं तुम्हें कुछ नहीं बोलूंगी.
पर वो कुछ न बोला.

मैंने भी उससे ज्यादा कुछ नहीं कहा और लेट गई.
वो बैठा रहा.
मैंने उससे कहा- अब लेट जाओ … बैठो क्यों हो?

वो भी मुझसे कुछ दूरी बना कर लेट गया.

हम दोनों लेट गए. मैंने कुछ देर बाद फिर से अपनी आंखें मूंद लीं और अपनी मैक्सी ऊपर को कर ली. मेरी खुली हुई गांड जुनैद की ओर थी. Chhote bhai aur chudai ki hindi kahani.

मेरे ऐसा करने से बिस्तर पर कुछ कम्पन हुआ. मगर वो मेरी तरफ नहीं घूमा. मैंने नंगे ही पड़े रह कर उसे अपनी गांड दिखाने का फैसला कर लिया था.

कुछ पल बाद जुनैद जब मेरी ओर घूमा, तो वो मेरी नंगी गांड देख रहा था. वह समझ गया था कि मैं अपनी बुर की चुदाई करवाना चाहती हूँ. कुंवारी लड़की की चुदाई का सोच कर उसका लंड खड़ा हो गया था.

मैंने उसी समय चित होकर अपनी टांगें खोल दीं और मेरी बुर खुली हवा में अपने भाई के लंड का इन्तजार करने लगी.

मेरी फैली हुई टांगें और खुली हुई सफाचट चूत देख कर वो फिर से गरमा गया. जुनैद धीरे से मेरे पास आया और मेरी बुर सहलाने लगा. मुझे गर्मी आने लगी. मैं चुपचाप सोने का नाटक कर रही थी.

मेरी तरफ से उसने कुछ भी विरोध नहीं देखा, तो मेरा छोटा भाई जुनैद बेख़ौफ़ होकर मेरे मम्मों को दबाने लगा.
मुझे उसके हाथ से अपनी चूचियों को मसलवाने में बड़ा मजा आ रहा था. Chhote bhai aur chudai ki hindi kahani.

मैं घूम गई, तो एक पल के उसकी गांड फटी … लेकिन मैंने जब उससे कुछ नहीं कहा, तो उसकी समझ में आ गया कि उसकी बहन चुदने के लिए मरी जा रही है.

अब उसका लंड मेरी गांड में चुभ रहा था … वो और भी ज्यादा मेरी गांड में घुसा जा रहा था. मगर मुझे उसका लंड बड़ा अच्छा लग रहा था.

वो आगे हाथ करके मेरी चूचियों को मसलने लगा और अपनी गरम सांसें मेरे कान पर छोड़ने लगा.
उसने मुझसे कहा- एक बार मौक़ा दो ना बाजी!
मैंने कुछ नहीं कहा और सीधी लेट गयी.

जुनेद ने मेरी राजी समझ ली और मेरे सामने आकर बैठ गया. मैंने भी आंखें खोल ली थीं और उसके खड़े लंड को देखने लगी थी.

उसने मेरी दोनों टांगों को पकड़ कर फैला दिया. जिससे मेरी गुलाबी बुर उसके सामने खुल गई. मेरी गुलाबी बुर देख कर जुनैद से रहा न गया. वो मेरी बुर पर अपनी नाक रख कर बुर सूंघने लगा. उसकी नाक की नोक मुझे अपनी चुत की मटर पर बड़ी लज्जत दे रही थी. Chhote bhai aur chudai ki hindi kahani.

एक पल बाद जुनैद मेरी बुर को चाटने लगा. उसने अपनी जीभ को मेरी बुर की फांकों में ऊपर से नीचे फेर दिया. बुर चुसाई से मैं ‘आह आह …’ की सिसकारियां भरने लगी.

वो समझ गया कि उसकी बाजी चुदने को रेडी है. ये देख कर उसने मेरी चूची चूसते हुए मुझसे कहा- बाजी, कपड़े उतारो न!

तब मैंने अपनी मैक्सी उतार दी. मैंने नीचे कुछ पहना ही नहीं था. इसलिए अब मैं अपने छोटे भाई के लंड से चुदने के लिए उसके सामने पूरी नंगी पड़ी थी.

मैंने जुनैद की आंखों में देखा, तो उसकी वासना से भरी लाल आंखें मेरी सीलपैक बुर पर ही लगी थीं. मैंने भी उसे मदभरी नजरों से देखा और उसके पेंट के ऊपर से ही उसके लंड को सहला दिया. Chhote bhai aur chudai ki hindi kahani.

जुनैद ने मुझे चुदने के लिए राजी देखा और मेरे हाथ को अपने लंड पर महसूस किया, तो उसने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए.

अब वो भी मेरे सामने एकदम नंगा हो गया था. वो मेरे बाजू में आकर मेरे दूध मसलने लगा. मैंने उसे प्यासी नजरों से देखा, तो उसने झुक कर मेरी एक चूची को अपने मुँह में भर लिया. मेरी मीठी सी सीत्कार निकल गई और मैं मस्त होने लगी.

जुनैद ने अगले एक मिनट में मेरी चूचियों को चूस चूस कर लाल करना शुरू कर दिया था. वो मेरी दोनों चूचियों को बेतहाशा चूस चाट रहा था. अपने हाथों की उंगलियों से मेरे निप्पल मींज रहा था.

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने कहा- जुनैद, अब मत सताओ … मुझसे रहा नहीं जाता. प्लीज़ मेरे अन्दर आ जाओ.

जुनैद ने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी टांगों के बीच आ गया. उसने लंड को बुर के छेद पर रखा और मेरी आंखों में ऐसे देखा … जैसे मुझसे इजाजत मांग रहा हो. मैंने अपनी गांड उठा कर उसे हरी झंडी दे दी और उसी पल मेरे छोटे भाई ने मेरी सीलपैक बुर में लंड ठोक दिया. Chhote bhai aur chudai ki hindi kahani.

उसके लंड का सुपारा मेरी चुत की फांकों में फंस गया था. मैंने हल्का सा दर्द महसूस किया और उसकी तरफ देखा. उसने फिर से एक धक्का लगा दिया और मेरे भाई का आधा लंड मेरी अनचुदी बुर में घुसता चला गया.

उसका लंड मोटा था और मेरी चुत के लिए किसी मर्द का पहला लंड था. मेरी चुत चिर सी गई थी और मुझे बेहद तेज दर्द हुआ. मुझे ऐसा लगा कि किसी ने गरम सरिया मेरी चुत में पेल दिया हो. मेरी सांसें रुकने लगी थीं और मैंने अपने हाथों की मुट्ठियाँ भींच ली थीं. अगले ही पल मैं जोर से चिल्लाने लगी.

मेरी चीख से घबरा कर जुनैद ने अपना लंड चुत से बाहर खींच लिया. मुझे मानो राहत मिल गई थी.

वो मेरी तरफ ऐसे देखने लगा जैसे पूछ रहा हो कि क्या हुआ? Chhote bhai aur chudai ki hindi kahani.

मुझे दर्द तो हुआ था मगर चुत चुदवाने की बड़ी लालसा भी थी. आज मेरे भाई ने मेरी बुर में एक बार अपना लंड पेल दिया था, तो अब मुझे उसी के लंड से अपनी प्यास बुझानी थी. जुनैद मेरे लिए एक सेफ मर्द था. उसके लंड से मैं जब चाहे चुद सकती थी.

कुछ देर बाद मैंने हिम्मत करके उसे फिर से लंड पेलने का इशारा किया.

इस बार उसने पास की टेबल से क्रीम की डिब्बी उठाई और मेरी चुत में उंगली से लगाने लगा. फिर उसने अपने लौड़े पर ढेर सारी क्रीम चुपड़ ली.

मेरा छोटा भाई जुनैद एक बार फिर से मुझे चोदने के लिए रेडी था. इस बार मैंने सोच लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं चिल्लाऊंगी नहीं.

इस बार जुनैद ने भी लंड को चुत की फांकों में सैट किया और मेरे ऊपर छा गया. उसने लंड को चुत की दरार में लगाए हुए ही मेरे होंठों को अपने होंठों से दबा लिया. मैं समझ गई कि ये अब मुझे चिल्लाने का कोई मौका नहीं देने के मूड में है. Chhote bhai aur chudai ki hindi kahani.

मैंने अपने चूतड़ हिलाए, तो उसने लंड पर दबाव देते हुए एक धक्का लगा दिया. क्रीम की चिकनाई ने काम कर दिया था. उसका पूरा लंड एक ही बात में मेरी बुर में धंसता चला गया. मुझे बहुत तेज दर्द हुआ. मगर जुनैद मेरे मुँह को बंद किये हुए था. मेरे हाथ पांव छटपटाने लगे और मेरी हालत बुरी हो गई. मेरी बुर से खून निकल आया था.

अपना पूरा लंड मेरी चुत में ठांसने के बाद जुनैद कुछ देर रुक गया. कोई बीस सेकंड बाद जुनैद के लंड ने मेरी बुर में स्थान बना लिया था. अब वो हिलने लगा था और मुझे अपनी चुत में मीठा मीठा दर्द होने लगा था.

मेरी छटपटाहट भी कम हो गई थी. तब जुनैद ने मेरे मुँह से अपना मुँह हटा कर मुझे नशीली आंखों से देखा और लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया. Chhote bhai aur chudai ki hindi kahani.

उसके लंड की मोटाई से मुझे अब भी हल्का दर्द हो रहा था मगर जुनैद ने मेरी चूचियों को चूस कर मुझे दर्द की जगह सुख देना शुरू कर दिया था.

एक दो मिनट की चुदाई के बाद मुझे मजा आने लगा था और मैं गांड हिलाते हुए अपने छोटे भाई का मोटा लंड अपनी कमसिन बुर में लेने लगी थी.

अब धकापेल चुदाई का दौर शुरू हो गया था. जुनैद एक मदमस्त मर्द की तरफ मुझे रौंद रहा था. उसके लंड की ताकत के आगे मेरी चुत अब तक दो बार रो चुकी थी … मगर उसकी शैतानी ताकत कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी.

उस रात मेरे छोटे भाई ने मुझे जीभर के चोदा और मेरी हालत एक अधमरी कुतिया सी कर दी.

मैंने उससे लरजते होंठों से कहा- जुनैद अब बस कर … मुझे जलन होने लगी है.
जुनैद मुझे चोदता हुआ बोला- बस बाजी … कुछ देर और रुक जाओ.

दो मिनट ताबड़तोड़ लंड पेलने के बाद जुनैद का पानी मेरी बुर में ही निकल गया. वो झड़ने के बाद कुछ देर मेरे ऊपर लेटा रहा.

फिर वो मेरे ऊपर से नीचे उतरा. मैंने अपनी फट चुकी बुर साफ की. वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगा. मैंने भी उसे आंख मार दी. Chhote bhai aur chudai ki hindi kahani.

हम दोनों ने बाथरूम में जाकर एक दूसरे को साफ़ किया और बिस्तर पर आ कर लेट गए.

अगले दिन जुनैद मेरे लिए गोली ले आया. मैंने पूछा- ये काहे की गोली है?
उसने कहा- बाजी, कल आपके अन्दर ही निकल गया था न … कोई लफड़ा न हो जाए, इसलिए ये गोली खा लो.
मैंने मुस्कुरा कर गोली खा ली.

उस दिन से माहवारी के दिनों को छोड़ कर दो महीने तक कोई भी दिन ऐसा नहीं गया था, जब मैं अपने छोटे भाई के मोटे लंड से न चुदी होऊं. हम दोनों भाई बहन रोज चुदाई करते हैं. उसने मेरी गांड भी मारी थी, उसका किस्सा फिर कभी लिखूँगी. Chhote bhai aur chudai ki hindi kahani.

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